ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के योग होते हैं, जिनका जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इन योगों के आधार पर किसी व्यक्ति के जीवन में सफलता, समृद्धि, दुख और सुख का पता लगाया जा सकता है। इन्हीं योगों में से एक महत्वपूर्ण योग है शंख योग। शंख योग को जीवन में विशेष सुख, सम्मान, और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। यह योग व्यक्ति के जीवन को उच्च बनाता है और उसे मानसिक शांति और आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति कराता है।
शंख योग का निर्माण

शंख योग का निर्माण तब होता है जब व्यक्ति की कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह एक साथ किसी शुभ स्थान पर स्थित होते हैं, या यदि ये ग्रह किसी विशेष स्थिति में कुंडली के केंद्र या त्रिकोण में होते हैं। इसके अलावा, शंख योग की स्थिति उन ग्रहों के अच्छे संबंध से भी बन सकती है जो लाभ और भव्यता को बढ़ावा देते हैं। जब यह योग बनता है, तो यह व्यक्ति को सम्मान, समृद्धि, और समाज में उच्च स्थान दिलाने में मदद करता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, शंख योग कुंडली में एक प्रकार की दिव्य ऊर्जा का संचार करता है, जिससे जातक के जीवन में सुख, ऐश्वर्य, और आत्म-विश्वास का अनुभव होता है। यह योग व्यक्ति को हर तरह के आंतरिक और बाहरी संकटों से मुक्त करता है।
शंख योग के प्रभाव
जब शंख योग व्यक्ति की कुंडली में बनता है, तो इसके कुछ प्रमुख प्रभाव होते हैं, जो जीवन को एक नई दिशा देते हैं। शंख योग का प्रभाव जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है:
- धन और समृद्धि: शंख योग का सबसे प्रमुख प्रभाव धन और समृद्धि पर पड़ता है। इस योग के बनने से व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि, संपत्ति, और भौतिक सुख की प्राप्ति होती है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यह योग व्यक्ति को हर प्रकार की आर्थिक बाधाओं से मुक्त करता है और उसे व्यापार, नौकरी या किसी अन्य कार्य में सफलता दिलाता है।
- मानसिक शांति: शंख योग के प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। यह योग व्यक्ति के जीवन को संतुलित बनाता है और उसे आत्म-संतुष्टि प्रदान करता है। शंख योग के कारण व्यक्ति मानसिक तनाव से मुक्त रहता है और उसे अपने कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- सम्मान और प्रतिष्ठा: शंख योग समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाने वाला है। जब यह योग बनता है, तो व्यक्ति को समाज में एक सम्मानजनक स्थान मिलता है और उसकी पहचान मजबूत होती है। शंख योग व्यक्ति के सामाजिक जीवन को सशक्त बनाता है और उसे समाज में सम्मान दिलाता है।
- विवाह में सफलता: शंख योग विवाह के लिए भी शुभ माना जाता है। इस योग के बनने से व्यक्ति के विवाह जीवन में सुख, प्रेम और समृद्धि का संचार होता है। यदि व्यक्ति का शंख योग शुभ होता है, तो उसका वैवाहिक जीवन सुखमय और सामंजस्यपूर्ण होता है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, शंख योग का प्रभाव न केवल व्यक्ति के धन और समृद्धि पर, बल्कि उसके परिवार और वैवाहिक जीवन पर भी होता है। यह योग परिवार में सुख और शांति लाता है।
शंख योग के प्रमुख कारक

शंख योग को बनाने वाले प्रमुख ग्रहों में गुरु, शुक्र, चंद्रमा, और राहू शामिल होते हैं। इन ग्रहों का संयोजन कुंडली में शुभ स्थान पर स्थित होने पर शंख योग बनता है। इन ग्रहों का प्रभाव निम्नलिखित है:
- गुरु ग्रह: गुरु ग्रह को ज्ञान, धर्म, और वैचारिक दृष्टिकोण का कारक माना जाता है। यह व्यक्ति को आंतरिक ज्ञान, शांति और संतुलन प्रदान करता है। गुरु की अच्छी स्थिति शंख योग के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- शुक्र ग्रह: शुक्र ग्रह ऐश्वर्य, प्रेम, और भौतिक सुख का कारक है। जब शुक्र ग्रह कुंडली में शुभ स्थान पर स्थित होता है, तो व्यक्ति को सुख, समृद्धि, और आनंद की प्राप्ति होती है। शंख योग में शुक्र की स्थिति विशेष रूप से प्रभावशाली होती है।
- चंद्रमा: चंद्रमा मानसिक शांति और भावनाओं का कारक है। चंद्रमा की शुभ स्थिति शंख योग के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
- राहू: राहू का संबंध अज्ञेय और अप्रत्याशित घटनाओं से होता है। जब राहू शुभ स्थानों में स्थित होता है, तो वह व्यक्ति को रहस्यमय और विशेष सफलता दिलाता है।
मनोज साहू जी के अनुसार, इन ग्रहों की शुभ स्थिति और उनका परस्पर संबंध शंख योग को प्रबल बनाता है और व्यक्ति को जीवन में अपार सफलता, सम्मान, और समृद्धि प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
शंख योग के उपाय
यदि व्यक्ति की कुंडली में शंख योग नहीं बनता है या यह योग कमजोर स्थिति में है, तो इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:
- गुरु और शुक्र ग्रह की पूजा: शंख योग को प्रबल करने के लिए गुरु और शुक्र ग्रह की पूजा करना चाहिए। इनके मंत्रों का जाप और विशेष पूजा विधियों का पालन करने से शंख योग के प्रभाव को सशक्त किया जा सकता है।
- चंद्रमा की पूजा: शंख योग को सशक्त करने के लिए चंद्रमा की पूजा और चंद्रमा के शुभ मंत्रों का जाप करना भी लाभकारी होता है। यह मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन को बढ़ाता है।
- दान और परोपकार: शंख योग को प्रबल करने के लिए दान और परोपकार के कार्य किए जा सकते हैं। विशेषकर गुरु, शुक्र, और चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए।
- राहू के उपाय: यदि राहू की स्थिति खराब हो, तो इसके उपाय करना आवश्यक होता है। राहू से संबंधित कार्यों में संकल्प और पूजा करने से शंख योग के प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है।
राजयोग की कहानी

राजयोग और शंख योग दोनों ही व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं। एक प्रसिद्ध कथा है, जो शंख योग और राजयोग के प्रभाव को दर्शाती है:
यह कहानी एक राजा विक्रम की है, जो एक समय में बेहद संकट में था। राजा विक्रम के राज्य में भयंकर अकाल पड़ा था और राज्य के लोग दुखी थे। एक दिन राजा विक्रम ने एक प्रसिद्ध ज्योतिषी से परामर्श लिया। ज्योतिषी ने राजा की कुंडली का विश्लेषण किया और पाया कि राजा के जीवन में शंख योग और राजयोग दोनों बन रहे थे। ज्योतिषी ने राजा को कुछ विशेष उपाय बताए और उन्हें विश्वास दिलाया कि उनका जीवन जल्दी ही बदलने वाला है।
राजा विक्रम ने ज्योतिषी की सलाह मानी और शंख योग के उपायों को अपनाया। उन्होंने अपनी नीतियों में सुधार किया और राज्य की भलाई के लिए कई कार्य किए। इसके बाद राजा का राज्य समृद्धि की ओर बढ़ने लगा और वह समाज में सम्मानित हो गए। उनके राज्य में खुशहाली आई और प्रजा का जीवन खुशहाल हुआ।
साहू जी के अनुसार, यह कहानी यह दर्शाती है कि जब व्यक्ति शंख योग और राजयोग का पालन करता है, तो वह अपने जीवन में अपार सफलता और सम्मान प्राप्त कर सकता है।
निष्कर्ष
शंख योग एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय योग है, जो व्यक्ति के जीवन में धन, समृद्धि, सम्मान और मानसिक शांति लाने का काम करता है। साहू जी के अनुसार, शंख योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ता है और उसे सफलता दिलाने के साथ-साथ समाज में सम्मान दिलाता है। इसके अलावा, शंख योग के उपायों से व्यक्ति इस योग को प्रबल कर सकता है और जीवन में सुख-शांति प्राप्त कर सकता है।