मंगल का ज्योतिषीय महत्व

मंगल ग्रह, वैदिक ज्योतिष में ऊर्जा, साहस, पराक्रम और शक्ति का प्रतीक है। इसे “लाल ग्रह” के नाम से भी जाना जाता है और यह अग्नि तत्व से जुड़ा हुआ है। मंगल को ज्योतिष में एक क्रूर ग्रह माना गया है, लेकिन इसका प्रभाव हमेशा नकारात्मक नहीं होता। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मंगल ग्रह का सही स्थान और दशा व्यक्ति के जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकती है। यह ग्रह कर्मठता, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करता है।

मंगल का स्वभाव और उसका प्रभाव

मंगल ग्रह का संबंध मेष और वृश्चिक राशियों से है। यह ग्रह व्यक्ति के साहस, क्रोध, ऊर्जा और आत्मरक्षा क्षमता को नियंत्रित करता है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यदि कुंडली में मंगल शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति अपने जीवन में साहसी और उन्नतिशील होता है। वहीं, यदि मंगल अशुभ स्थिति में हो, तो यह झगड़े, क्रोध और दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।

कुंडली में मंगल का स्थान

मंगल का कुंडली में स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह जिस भाव में स्थित होता है, उस भाव के कारक तत्वों पर सीधा प्रभाव डालता है। साहू जी के अनुसार:

  • पहले भाव में मंगल: व्यक्ति साहसी और आत्मनिर्भर होता है।
  • चौथे भाव में मंगल: इसे “मंगल दोष” का मुख्य कारण माना जाता है, जो विवाह और घरेलू जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  • दसवें भाव में मंगल: यह व्यक्ति को करियर में ऊंचाई प्रदान करता है और प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता देता है।

मंगल दोष और उसका प्रभाव

मंगल ग्रह का सबसे चर्चित दोष “मांगलिक दोष” है, जो विवाह के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, मांगलिक दोष वैवाहिक जीवन में समस्याओं का संकेत देता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मांगलिक दोष को सही उपायों और ज्योतिषीय विधियों से शांत किया जा सकता है।

मांगलिक दोष के उपाय

साहू जी के अनुसार, यदि कुंडली में मांगलिक दोष हो, तो निम्न उपाय करने से इसे शांत किया जा सकता है:

  1. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।
  2. मंगल ग्रह के मंत्र का जाप करें।
  3. मंगलवार को व्रत रखें।
  4. शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
  5. मंगल यंत्र की स्थापना करें।

मंगल ग्रह और करियर

मंगल का प्रभाव करियर में भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। साहू जी के अनुसार, यह ग्रह इंजीनियरिंग, पुलिस, सेना और खेल जैसे क्षेत्रों में सफलता देता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल मजबूत होता है, वे अपने कार्यक्षेत्र में नेतृत्व करते हैं।

मंगल और स्वास्थ्य

मंगल का संबंध रक्त, मांसपेशियों और हड्डियों से है। यदि कुंडली में मंगल कमजोर हो, तो व्यक्ति को रक्तचाप, चोट और मांसपेशियों की समस्याएं हो सकती हैं। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मंगल की स्थिति को मजबूत करने के लिए लाल वस्त्र और लाल चंदन का उपयोग करना लाभकारी होता है।

मंगल की महादशा और उसका प्रभाव

मंगल की महादशा का काल सात वर्षों का होता है। इस अवधि में व्यक्ति की ऊर्जा और पराक्रम में वृद्धि होती है। साहू जी के अनुसार, इस दशा में व्यक्ति को अपनी शक्ति का सकारात्मक उपयोग करना चाहिए।

मंगल ग्रह की शांति के उपाय

यदि कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो, तो निम्न उपाय करने चाहिए:

  1. हनुमान जी की उपासना करें।
  2. मंगलवार को लाल वस्त्र धारण करें।
  3. गुड़ और मसूर की दाल का दान करें।
  4. मंगल ग्रह के मंत्र “ॐ अंगारकाय नमः” का जाप करें।
  5. लाल मूंगा रत्न धारण करें।

निष्कर्ष

मंगल ग्रह ज्योतिष में एक शक्तिशाली और प्रभावशाली ग्रह है। इसका सही स्थान व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकता है, जबकि इसकी अशुभ स्थिति चुनौतियां उत्पन्न कर सकती है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, कुंडली में मंगल की स्थिति का सही विश्लेषण और उपाय करना अति आवश्यक है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मंगल ग्रह की अनुकूलता व्यक्ति को न केवल जीवन में सफलता दिलाती है, बल्कि उसे साहसी और आत्मनिर्भर भी बनाती है।

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