गुरु ग्रह, जिसे बृहस्पति भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष में सबसे शुभ ग्रहों में से एक माना जाता है। यह ज्ञान, धर्म, सत्य और समृद्धि का प्रतीक है। गुरु ग्रह का प्रभाव किसी व्यक्ति की सोच, नैतिकता, और सामाजिक मान्यताओं को निर्धारित करता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति का सीधा प्रभाव व्यक्ति के जीवन की दिशा और सफलता पर पड़ता है।
गुरु ग्रह का स्वभाव और विशेषताएं
गुरु ग्रह देवताओं के गुरु के रूप में विख्यात है और यह ज्योतिष में ज्ञान और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, गुरु ग्रह का संबंध धन, वैवाहिक जीवन, शिक्षा और धार्मिक कार्यों से है। यह ग्रह मीन और धनु राशियों का स्वामी है तथा कर्क राशि में उच्च का और मकर राशि में नीच का होता है। गुरु का प्रभाव जीवन में शुभता, समृद्धि और आध्यात्मिक प्रगति को बढ़ावा देता है।
कुंडली में गुरु ग्रह का महत्व

साहू जी के अनुसार, गुरु ग्रह की स्थिति व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालती है। यदि गुरु शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को शिक्षा, धन, और सामाजिक प्रतिष्ठा में सफलता मिलती है।
- पहले भाव में गुरु: यह व्यक्ति को उच्च शिक्षा और नेतृत्व क्षमता प्रदान करता है।
- चतुर्थ भाव में गुरु: घर, परिवार और सुख-शांति में वृद्धि होती है।
- सप्तम भाव में गुरु: यह विवाह और साझेदारी में सफलता दिलाता है।
- दशम भाव में गुरु: करियर में तरक्की और सफलता देता है।
गुरु की अशुभ स्थिति के प्रभाव
जब कुंडली में गुरु कमजोर या अशुभ स्थिति में होता है, तो यह शिक्षा में बाधा, आर्थिक कठिनाइयाँ, और नैतिकता की कमी का कारण बन सकता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, गुरु ग्रह की अशुभ स्थिति से बचने के लिए उचित उपाय और पूजा आवश्यक है।
गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय

साहू जी के अनुसार, यदि गुरु ग्रह कमजोर हो, तो निम्नलिखित उपाय इसे मजबूत कर सकते हैं:
- पीले वस्त्र धारण करें।
- पीले चने और हल्दी का दान करें।
- बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखें।
- “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” का जाप करें।
- पुखराज रत्न धारण करें।
गुरु ग्रह और शिक्षा
गुरु का संबंध उच्च शिक्षा, विद्या और धर्म से है। साहू जी के अनुसार, जिनकी कुंडली में गुरु शुभ स्थिति में होता है, वे शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। यह ग्रह छात्रों की एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
गुरु ग्रह और वैवाहिक जीवन
गुरु ग्रह वैवाहिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रिश्तों में विश्वास, स्नेह और स्थिरता प्रदान करता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, शुभ गुरु विवाह में सौभाग्य और स्थायित्व लाता है।
गुरु ग्रह और धन
गुरु ग्रह धन, संपत्ति और सामाजिक प्रतिष्ठा का मुख्य कारक है। साहू जी के अनुसार, यदि कुंडली में गुरु मजबूत हो, तो व्यक्ति को आर्थिक मामलों में सफलता मिलती है। यह व्यापार, निवेश और संपत्ति से जुड़े निर्णयों में लाभकारी होता है।
गुरु की महादशा और उसका प्रभाव
गुरु ग्रह की महादशा 16 वर्षों की होती है। इस अवधि में व्यक्ति को ज्ञान, सफलता और समृद्धि प्राप्त हो सकती है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, गुरु की महादशा के दौरान उचित उपाय और साधना व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
गुरु ग्रह और स्वास्थ्य

गुरु का संबंध पाचन तंत्र, मोटापा और लीवर से है। गुरु की अशुभ स्थिति व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। स्वस्थ जीवन के लिए गुरु ग्रह की पूजा और मंत्र जाप लाभकारी होते हैं।
गुरु ग्रह और धार्मिकता
गुरु ग्रह का सीधा संबंध धर्म और अध्यात्म से है। साहू जी के अनुसार, गुरु ग्रह व्यक्ति को धार्मिक कार्यों और सामाजिक सेवा के लिए प्रेरित करता है। यह ग्रह व्यक्ति के जीवन में नैतिकता और सच्चाई का मार्ग प्रशस्त करता है।
निष्कर्ष
गुरु ग्रह ज्योतिष में अद्वितीय महत्व रखता है। यह जीवन के हर पहलू, जैसे शिक्षा, धन, स्वास्थ्य, और धर्म को प्रभावित करता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, कुंडली में गुरु की स्थिति का विश्लेषण करना व्यक्ति के भविष्य को समझने और जीवन को सुधारने में सहायक हो सकता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, गुरु ग्रह की पूजा और उपासना जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाती है।