विपरीत राजयोग से भाग्य परिवर्तन और सफलता का मार्ग”

ज्योतिष शास्त्र में हर योग का एक विशेष महत्व है। इनमें से कुछ योग व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सुख, और सम्मान लाने के लिए होते हैं, जबकि कुछ योग विपरीत परिस्थितियों और संघर्षों को जन्म देते हैं। एक विशेष योग, जिसे हम विपरीत राजयोग कहते हैं, का प्रभाव जीवन में चुनौतियों और विपरीत स्थितियों को लेकर हो सकता है। हालांकि, विपरीत राजयोग को देखकर यह लगता है कि यह व्यक्ति के जीवन में दुख और संघर्ष लाएगा, लेकिन सही उपायों और दिशा-निर्देशों से इसका प्रभाव सकारात्मक भी हो सकता है।

विपरीत राजयोग के बारे में जानने के लिए सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि राजयोग क्या होता है। राजयोग वह योग है, जो किसी व्यक्ति के जीवन में राजसी ऐश्वर्य, धन, सम्मान और सफलता की प्राप्ति कराता है। लेकिन विपरीत राजयोग में यह स्थिति उलट होती है, यानी वह व्यक्ति जिन परिस्थितियों में सफलता, समृद्धि, या राजसी जीवन की उम्मीद करता है, वहाँ उसे संघर्ष और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह योग व्यक्ति को कठिनाइयों से घेर सकता है, लेकिन इससे निकलने के उपाय भी होते हैं, जो जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

विपरीत राजयोग का निर्माण

विपरीत राजयोग तब बनता है जब कुंडली में कुछ ग्रह अपनी स्थिति या दृष्टि से एक-दूसरे के साथ विपरीत प्रभाव डालते हैं। जब कोई व्यक्ति किसी अच्छे राजयोग की स्थिति में हो और उसकी कुंडली में दो ग्रह एक-दूसरे के साथ कष्टकारी स्थानों पर स्थित हों, तो यह विपरीत राजयोग का निर्माण करता है। ऐसे योग के बनने से व्यक्ति के जीवन में परेशानियाँ और संकट उत्पन्न होते हैं।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, विपरीत राजयोग उस समय बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि और राहू या केतू के साथ अन्य ग्रहों का मिलन होता है। शनि, जो कि कर्म और दंड का ग्रह माना जाता है, यदि राहू या केतु जैसे अस्थिर ग्रहों के साथ मिलकर विपरीत स्थिति बनाते हैं, तो यह विपरीत राजयोग का निर्माण कर सकता है।

विपरीत राजयोग का प्रभाव

विपरीत राजयोग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है, जिनमें प्रमुख रूप से जीवन की आर्थिक स्थिति, पारिवारिक संबंध, मानसिक शांति, और करियर की सफलता शामिल हैं। आइए जानते हैं इस योग के प्रभावों के बारे में:

  1. आर्थिक परेशानियाँ: विपरीत राजयोग के प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में अस्थिरता आ सकती है। कभी भी धन की स्थिति उतार-चढ़ाव का शिकार हो सकती है। यह योग व्यक्ति को बार-बार आर्थिक संकटों से जूझने की स्थिति में डाल सकता है। हालांकि, मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, अगर व्यक्ति सच्चे मन से मेहनत करता है और सही दिशा में कार्य करता है, तो वह इस स्थिति से बाहर निकल सकता है।
  2. करियर में रुकावटें: विपरीत राजयोग के प्रभाव से व्यक्ति के करियर में रुकावटें आ सकती हैं। यह योग व्यक्ति को अपनी मेहनत का पूरा फल नहीं दिलाता और बार-बार असफलताओं का सामना कराता है। कभी-कभी यह योग व्यक्ति को ऐसी स्थिति में डाल सकता है जहाँ उसे अपने कार्यों का सही मूल्यांकन नहीं मिल पाता।
  3. पारिवारिक तनाव: विपरीत राजयोग पारिवारिक जीवन में भी तनाव पैदा कर सकता है। यह योग व्यक्ति के पारिवारिक संबंधों में दरार डाल सकता है और कभी-कभी रिश्तों में अनबन और संघर्ष की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, इस योग का व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। रिश्तों में शांति बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
  4. मानसिक तनाव और शांति की कमी: विपरीत राजयोग मानसिक शांति को भी प्रभावित कर सकता है। इस योग के प्रभाव में व्यक्ति के मानसिक संतुलन में कमी आ सकती है, और उसे बार-बार मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

विपरीत राजयोग के कारण

विपरीत राजयोग के बनने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  1. शनि और राहू या केतु का मिलन: शनि और राहू/केतु का मिलन विपरीत राजयोग का मुख्य कारण हो सकता है। शनि जो कि दंड और मेहनत का ग्रह है, अगर राहू या केतु जैसे अशुभ ग्रहों के साथ मिलकर स्थित होते हैं, तो यह विपरीत राजयोग का निर्माण करता है।
  2. कुंडली में ग्रहों की असामान्य स्थिति: कभी-कभी ग्रहों की असामान्य स्थिति भी विपरीत राजयोग का कारण बन सकती है। जब ग्रह अपने दृष्टि के द्वारा एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं, तो यह जीवन में असमंजस और संघर्ष उत्पन्न करता है।
  3. कुंडली में ग्रहों का अशुभ स्थान: कुछ स्थितियों में ग्रह अपने अशुभ स्थानों पर होते हैं, जो जीवन में नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह स्थिति विपरीत राजयोग का कारण बन सकती है।

विपरीत राजयोग के उपाय

विपरीत राजयोग को समाप्त करने और इसके प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रभावी उपायों के बारे में:

  1. सच्ची मेहनत और परिश्रम: विपरीत राजयोग को समाप्त करने का सबसे प्रभावी उपाय है सच्ची मेहनत और परिश्रम। इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए व्यक्ति को अपना कार्य ईमानदारी से करना चाहिए।
  2. ग्रहों की पूजा और हवन: साहू जी के अनुसार, यदि शनि और राहू/केतु की स्थिति खराब है, तो इन ग्रहों की पूजा और हवन करना लाभकारी हो सकता है। खासकर शनिवार को शनि की पूजा करने से इसके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  3. दान और परोपकार: दान और परोपकार के कार्य करना विपरीत राजयोग को संतुलित कर सकता है। खासकर शनि और राहू/केतु से संबंधित वस्तुओं का दान करना लाभकारी होता है।
  4. मंत्रों का जाप: विपरीत राजयोग के प्रभाव को कम करने के लिए व्यक्ति को विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। शनि के “ऊं शं शनैश्चराय नमः” और राहू के “ऊं राहवे नमः” मंत्रों का जाप करना उपयुक्त रहेगा।

विपरीत राजयोग की कहानी

विपरीत राजयोग के प्रभाव और उसके समाधान के बारे में एक प्रसिद्ध कथा है, जो हमें यह बताती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी व्यक्ति अपनी मेहनत और सही दिशा से सफलता प्राप्त कर सकता है।

यह कहानी एक राजा विक्रम की है, जो अपने राज्य में राजसी ऐश्वर्य की प्राप्ति चाहता था। लेकिन उसे विपरीत राजयोग का सामना करना पड़ा। उसके राज्य में अकाल और समस्याएँ बढ़ने लगीं। राजा ने कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार उसे असफलता मिली। एक दिन उसने एक महान ज्योतिषी से परामर्श लिया। ज्योतिषी ने राजा की कुंडली देखी और पाया कि राजा के जीवन में विपरीत राजयोग बन रहा था।

ज्योतिषी ने राजा को कुछ उपाय बताए और उसे सही दिशा में कार्य करने की सलाह दी। राजा ने ज्योतिषी की सलाह मानी और अपनी नीतियों में सुधार किया। धीरे-धीरे उसका राज्य समृद्ध होने लगा और राजा ने विपरीत राजयोग को पार करके सफलता प्राप्त की।

साहू जी के अनुसार, यह कहानी यह दर्शाती है कि विपरीत राजयोग के बावजूद व्यक्ति को हार नहीं माननी चाहिए और उसे मेहनत और सही दिशा में प्रयास करना चाहिए। इससे वह अपनी कठिनाइयों को पार कर सकता है और सफलता प्राप्त कर सकता है।

निष्कर्ष

विपरीत राजयोग ज्योतिषीय दृष्टिकोण से एक चुनौतीपूर्ण योग है, लेकिन इसका सही उपाय और दिशा में कार्य करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। साहू जी के अनुसार, यह योग केवल संघर्ष और परेशानियों को दर्शाता है, लेकिन सही उपायों के साथ इसे समाप्त किया जा सकता है और व्यक्ति को सफलता की प्राप्ति हो सकती है।

Scroll to Top