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शक्ति पीठ और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से प्रेम विवाह के सफल उपाय

भारत में प्रेम विवाह एक महत्वपूर्ण विषय है, जहाँ युवा पीढ़ी अपने साथी के चुनाव में स्वतंत्रता को प्राथमिकता देती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार प्रेम विवाह में कई चुनौतियाँ भी होती हैं, जैसे परिवार की स्वीकृति, सामाजिक मान्यताएँ, और ग्रहों का प्रभाव। इस लेख में हम शक्ति पीठों और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से प्रेम विवाह के सफल उपायों पर चर्चा करेंगे।

प्रेम विवाह का महत्व

प्रेम विवाह का अर्थ है वह विवाह जो दो लोगों के बीच आपसी प्रेम और सहमति पर आधारित होता है। यह पारंपरिक विवाह से अलग होता है, जहाँ परिवार की पसंद महत्वपूर्ण होती है। प्रेम विवाह में:

भावनात्मक जुड़ाव: प्रेम विवाह में भावनात्मक जुड़ाव मजबूत होता है, जो जीवन के विभिन्न उतार-चढ़ाव में साथी को एकजुट रखता है।

स्वतंत्रता: प्रेम विवाह में दोनों पार्टनर्स को एक-दूसरे को समझने और अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता होती है।

सामाजिक बदलाव: प्रेम विवाह समाज में बदलाव लाने में सहायक होता है, जिससे परंपरागत सोच में बदलाव आ सकता है।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से प्रेम विवाह की सफलता का सीधा संबंध कुंडली, ग्रहों की स्थिति और दोषों से होता है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार एक अच्छी कुंडली और अनुकूल ग्रह स्थिति प्रेम विवाह को सफल बनाने में मदद कर सकती है।

कुंडली और प्रेम विवाह

कुंडली में प्रेम विवाह के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है:

गृह स्थिति: शुक्र, मंगल और चंद्रमा की स्थिति महत्वपूर्ण होती है। ये ग्रह प्रेम, संबंधों और आकर्षण के प्रतीक होते हैं।

नवम भाव: नवम भाव विवाह और संतान के बारे में जानकारी देता है। इसे देखना आवश्यक है।

चंद्र राशि: चंद्र राशि का प्रभाव भी प्रेम विवाह पर पड़ता है। इसे समझना और ध्यान में रखना चाहिए।

शक्ति पीठों का महत्व

शक्ति पीठों की उपासना प्रेम विवाह की सफलताएँ सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है। ज्योतिष के अनुसारशक्ति पीठ वे स्थान हैं जहाँ देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे। इनकी पूजा से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

प्रमुख शक्ति पीठ

भारत में कई शक्ति पीठ हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

ज्वाला जी (हिमाचल प्रदेश)

वैष्णो देवी (जम्मू कश्मीर)

कामाख्या देवी (असम)

सिद्धिदात्री (उज्जैन)

      कालिका माता (कोलकाता)

इन शक्ति पीठों की यात्रा और पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति और प्रेम विवाह के लिए सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

प्रेम विवाह के सफल उपाय

 कुंडली मिलान

प्रेम विवाह की सफलता के लिए सबसे पहले कुंडली मिलान करना आवश्यक है। इसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें:

  • गुण मिलान: कुंडली में गुणों का मिलान करना आवश्यक है। यह विवाह की सफलता की पहली सीढ़ी है।
  • दोष निवारण: यदि कुंडली में कोई दोष है, तो उसे दूर करने के उपाय करें।

शक्ति पीठों की पूजा

शक्ति पीठों की पूजा करना प्रेम विवाह की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। आप निम्नलिखित विधियों का पालन कर सकते हैं:

  • शक्ति पीठ की यात्रा: अपने प्रेमी या प्रेमिका के साथ शक्ति पीठ की यात्रा करें। वहाँ जाकर देवी माँ की उपासना करें और अपने प्रेम विवाह की सफलता की कामना करें।
  • मंत्र जाप: शक्ति पीठों के मंत्रों का जाप करें। यह मानसिक शक्ति बढ़ाने में सहायक होता है।

 विशेष अनुष्ठान

प्रेम विवाह के लिए विशेष अनुष्ठान भी किए जा सकते हैं, जैसे:

  • शादी के लिए विशेष यज्ञ: प्रेम विवाह की सफलता के लिए विवाह योग का विशेष यज्ञ कराएँ।
  • दुआ का आयोजन: परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर देवी माँ से प्रेम विवाह की सफलता के लिए दुआ करें।

रत्न और दान

प्रेम विवाह में सफलता के लिए रत्न और दान का भी महत्व है:

  • रत्न पहनना: शुक्र रत्न हीरा या पहनने से प्रेम और संबंधों में मजबूती आती है।
  • दान करना: प्रेम विवाह में बाधा डालने वाले ग्रहों के लिए उचित दान करें। जैसे काले तिल या सफेद वस्त्र का दान।

सकारात्मक सोच

प्रेम विवाह की सफलता के लिए सकारात्मक सोच भी जरूरी है। ज्योतिष के अनुसार अपने विचारों को सकारात्मक बनाए रखें और अपने साथी के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए प्रयास करें।

  • संवाद: अपने साथी के साथ खुलकर बात करें और अपनी भावनाएँ व्यक्त करें।
  • समर्थन: एक-दूसरे का समर्थन करें और कठिनाइयों का सामना मिलकर करें।

प्रेम विवाह एक सुंदर और महत्वपूर्ण यात्रा है, जिसमें ग्रहों की स्थिति और शक्ति पीठों की उपासना का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार यदि आप प्रेम विवाह की सफलता की कामना रखते हैं, तो कुंडली मिलान, शक्ति पीठों की पूजा, विशेष अनुष्ठान, रत्न पहनना और सकारात्मक सोच अपनाना महत्वपूर्ण है। ज्योतिष के अनुसार माँ की कृपा से आपके प्रेम विवाह में सफलता प्राप्त होगी और आपका जीवन सुखमय होगा।प्रेम विवाह का यह सफर न केवल प्रेम को मजबूत बनाता है, बल्कि सामाजिक मान्यताओं को भी बदलने में सहायक होता है। इसलिए, इस दिशा में उठाए गए हर कदम को महत्व दें और अपनी प्रेम कहानी को सफल बनाएं।

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शक्ति पीठ और सप्त ग्रहों के दोष निवारण के ज्योतिषीय उपाय

भारतीय संस्कृति में शक्ति पीठों का एक विशेष स्थान है। ये स्थान देवी सती के शरीर के अंगों के गिरने से उत्पन्न हुए और यहां देवी के विभिन्न रूपों की उपासना की जाती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार शक्ति पीठ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी ये अत्यधिक प्रभावशाली माने जाते हैं। ज्योतिष में, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल होती है, तब उसके जीवन में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शक्ति पीठों की यात्रा और देवी की उपासना से इन दोषों का निवारण किया जा सकता है। इस लेख में हम सप्त ग्रहों के दोष निवारण के लिए शक्ति पीठों के ज्योतिषीय उपायों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

सूर्य ग्रह और शक्ति पीठ:

सूर्य ग्रह का महत्व:
सूर्य आत्मा, शक्ति, और प्रतिष्ठा का कारक है। जब सूर्य कमजोर होता है, तो व्यक्ति को आत्मविश्वास में कमी, स्वास्थ्य समस्याएं, और समाज में मान-सम्मान की हानि जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। कुंडली में सूर्य की प्रतिकूल स्थिति से शासकीय कार्यों में अड़चनें, पिता से संबंधों में तनाव और मानसिक अस्थिरता उत्पन्न होती है।

सूर्य दोष निवारण उपाय:
सूर्य ग्रह के दोष निवारण के लिए माता कात्यायनी की उपासना शक्ति पीठों में अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है। देवी कात्यायनी को सूर्य ग्रह से जोड़ा जाता है और उनकी उपासना से सूर्य के दोष दूर होते हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य अशुभ होता है, उन्हें कात्यायनी पीठ, जो वाराणसी के पास स्थित है, की यात्रा करनी चाहिए और वहाँ सूर्य को समर्पित विशेष पूजा करनी चाहिए।


ज्योतिषीय उपाय: रविवार के दिन देवी कात्यायनी को लाल वस्त्र चढ़ाएं और तांबे के पात्र में जल भरकर उसमें लाल चंदन डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। इससे सूर्य ग्रह की कृपा प्राप्त होती है और प्रतिष्ठा बढ़ती है।

चंद्र ग्रह और शक्ति पीठ:

चंद्र ग्रह का महत्व:
चंद्रमा मन, भावनाओं और मानसिक शांति का कारक ग्रह है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार कुंडली में चंद्रमा की अशुभ स्थिति से मानसिक तनाव, अनिद्रा, और भावनात्मक अस्थिरता उत्पन्न होती है। व्यक्ति भावनात्मक असंतुलन, पारिवारिक कलह, और मानसिक अशांति से ग्रस्त रहता है।

चंद्र दोष निवारण उपाय:
चंद्र ग्रह के दोष निवारण के लिए देवी महागौरी की उपासना अत्यधिक प्रभावकारी होती है। देवी महागौरी का शांत और सौम्य स्वरूप मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है। देवी महागौरी के प्रति पूजा करने से चंद्रमा के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।


ज्योतिषीय उपाय: सोमवार के दिन देवी महागौरी को सफेद वस्त्र अर्पित करें और सफेद चंदन का तिलक लगाएं। साथ ही दूध और चावल का दान करें। यह उपाय चंद्रमा के दोषों को दूर करता है और मन की शांति प्रदान करता है।

मंगल ग्रह और शक्ति पीठ:

मंगल ग्रह का महत्व:
मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा, और शक्ति का प्रतीक है। कुंडली में मंगल ग्रह के अशुभ होने से व्यक्ति को शारीरिक समस्याएं, दुर्घटनाएं, भूमि विवाद, और वैवाहिक जीवन में तनाव का सामना करना पड़ता है। यह ग्रह रक्तचाप, अग्न्याशय, और मांसपेशियों से संबंधित रोगों को भी प्रभावित करता है।

मंगल दोष निवारण उपाय:
मंगल ग्रह के दोषों का निवारण करने के लिए देवी चामुंडा की उपासना करनी चाहिए। देवी चामुंडा का उग्र रूप साहस और ऊर्जा का प्रतीक है। देवी चामुंडा के प्रति समर्पित पूजा करने से मंगल ग्रह के दोष शांत होते हैं।


ज्योतिषीय उपाय: मंगलवार के दिन देवी चामुंडा को लाल पुष्प अर्पित करें और गुड़ तथा मसूर की दाल का दान करें। साथ ही, मंगल मंत्र “ॐ अं अंगारकाय नमः” का जाप करें। यह उपाय मंगल दोषों को समाप्त करता है और साहस व ऊर्जा प्रदान करता है।

 बुध ग्रह और शक्ति पीठ:

बुध ग्रह का महत्व:
बुध ग्रह बुद्धि, व्यापार, संवाद, और लेखन का प्रतीक है। जब बुध ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को संवाद में कठिनाई, निर्णय लेने में समस्याएं, और व्यापार में असफलता का सामना करना पड़ता है।

बुध दोष निवारण उपाय:
बुध ग्रह के दोषों के निवारण के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना करनी चाहिए। देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है। देवी की आराधना से बुध ग्रह के दोष समाप्त होते हैं और बुद्धिमत्ता का विकास होता है।
ज्योतिषीय उपाय: बुधवार के दिन देवी ब्रह्मचारिणी को हरे वस्त्र चढ़ाएं और हरे मूंग का दान करें। बुध ग्रह की शांति के लिए “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप करें। इससे बुध ग्रह के दोष दूर होते हैं और बुद्धि का विकास होता है।

 गुरु ग्रह और शक्ति पीठ:

गुरु ग्रह का महत्व:
गुरु ग्रह ज्ञान, धार्मिकता, संतान, और धन का कारक है। जब गुरु ग्रह अशुभ होता है, तो व्यक्ति को शिक्षा, संतान सुख, और धन की प्राप्ति में कठिनाई होती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में भी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

गुरु दोष निवारण उपाय:
गुरु ग्रह के दोष निवारण के लिए देवी बगलामुखी की उपासना विशेष लाभकारी मानी जाती है। देवी बगलामुखी का उग्र स्वरूप शत्रुओं से रक्षा करता है और ज्ञान का आशीर्वाद देता है।


ज्योतिषीय उपाय: बृहस्पतिवार के दिन देवी बगलामुखी को पीले वस्त्र अर्पित करें और बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। साथ ही “ॐ गुरवे नमः” मंत्र का जाप करें। इससे गुरु ग्रह के दोष समाप्त होते हैं और ज्ञान व धार्मिकता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 शुक्र ग्रह और शक्ति पीठ:

शुक्र ग्रह का महत्व:


शुक्र ग्रह भौतिक सुख-सुविधाओं, वैवाहिक जीवन, और सौंदर्य का कारक है। जब शुक्र ग्रह कमजोर होता है, तो व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में कष्ट, धन की कमी, और सौंदर्य में अवरोध का सामना करना पड़ता है।

शुक्र दोष निवारण उपाय:
शुक्र ग्रह के दोष निवारण के लिए देवी लक्ष्मी की उपासना अत्यधिक प्रभावकारी होती है। देवी लक्ष्मी वैभव, धन, और सौंदर्य की देवी हैं। उनकी आराधना से शुक्र ग्रह की कमजोरी दूर होती है और व्यक्ति के जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं की वृद्धि होती है।


ज्योतिषीय उपाय: शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी को सफेद पुष्प अर्पित करें और गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। शुक्र ग्रह के दोष निवारण के लिए “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का जाप करें। इससे शुक्र ग्रह के दोष समाप्त होते हैं और वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

 शनि ग्रह और शक्ति पीठ:

शनि ग्रह का महत्व:
शनि ग्रह कर्म, न्याय, और संघर्ष का प्रतीक है। जब शनि ग्रह अशुभ होता है, तो व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयाँ, बीमारी, और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।

शनि दोष निवारण उपाय:
शनि ग्रह के दोष निवारण के लिए देवी काली की उपासना की जाती है। देवी काली का उग्र रूप जीवन के संघर्षों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। उनकी उपासना से शनि ग्रह के दुष्प्रभाव समाप्त होते हैं और व्यक्ति को जीवन में संतुलन प्राप्त होता है।


ज्योतिषीय उपाय: शनिवार के दिन देवी काली को काले वस्त्र अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनि ग्रह की शांति के लिए “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें। इससे शनि ग्रह के दोष समाप्त होते हैं और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

शक्ति पीठ और ज्योतिषीय उपाय का आपसी संबंध अत्यधिक गहरा है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार ग्रह दोषों के कारण जीवन में आने वाली बाधाओं का निवारण शक्ति पीठों की यात्रा और देवी की आराधना से किया जा सकता है। शक्ति पीठों में देवी की उपासना ग्रहों के अशुभ प्रभावों को समाप्त करती है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संतुलन प्रदान करती है। सप्त ग्रहों के दोषों के निवारण के लिए देवी की विशेष पूजा और शक्ति पीठों की यात्रा अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है।

आपके तारे में आपका स्वागत है. जान‍िए ज्योतिष के अनुसार आज रखना है क‍िन बातों का ध्यान. कौन-सा रंग,अंक रहेगा आपके ल‍िए शुभ और द‍िन को बेहतर बनाने के ल‍िए करना होगा कौन सा उपाय. …

आज का विशेष उपाय भी बताएंगे.. अभी संपर्क करे देश के प्रसिद्ध ज्योतिष एस्ट्रोलॉजर साहू जी से

कांटेक्ट: +91-8656-979-221 | +91-9039-636-706

TESTIMONIALS

  आनंद गुप्ता, उज्जैन (Google reviews)
“मेरी कुंडली में कुछ दोषों के कारण समस्याएँ थीं। एस्ट्रोलॉजर साहू जी के उपाय और सलाह से मुझे उन परेशानियों से मुक्ति मिली और मेरा जीवन सही दिशा में जा रहा है।”

 गीतांजलि वर्मा, भोपाल (Google reviews)
“मेरे हस्ताक्षर के आधार पर एस्ट्रोलॉजर साहू जी ने सटीक भविष्यवाणी की और कुछ बदलाव करने की सलाह दी। इसके बाद मेरे जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं।”

  आदित्य चौधरी, इंदौर (Google reviews)
“हस्ताक्षर के माध्यम से साहू जी ने मेरे व्यक्तित्व और भविष्य की दिशा को देखा। उनकी सटीक सलाह से मैंने अपने हस्ताक्षर में छोटे बदलाव किए और इससे मेरे जीवन में बड़ा सुधार आया।”

 कमलेश पटेल, उज्जैन (Google reviews)
“हमारे घर में वास्तु दोष के कारण समस्याएँ थीं। एस्ट्रोलॉजर साहू जी ने हमें उचित उपाय सुझाए, और अब हमारे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो गई है।”

 रजनी तिवारी, रतलाम (Google reviews)
“ऑफिस में वास्तु दोष के कारण बार-बार नुकसान हो रहा था। एस्ट्रोलॉजर साहू जी के उपायों से अब व्यवसाय में स्थिरता आ गई है। उनकी सलाह कारगर रही।”

 शिवानी जोशी, भोपाल (Google reviews)
“मेरे वैवाहिक जीवन में समस्याएँ आ रही थीं। एस्ट्रोलॉजर साहू जी की सलाह और उपायों से हमारे रिश्ते में सुधार हुआ है। अब हम खुशी से जीवन बिता रहे हैं।”

  अर्जुन सिंह, इंदौर (Google reviews)
“शादी के बाद रिश्तों में परेशानियाँ थीं। साहू जी की वैवाहिक परामर्श से हमारे जीवन में शांति और समर्पण वापस आ गया है।”

 मधु अग्रवाल, इंदौर (Google reviews)
“घर में लगातार आ रही परेशानियों के लिए साहू जी से वास्तु शांति के उपाय किए। उनकी सलाह ने हमारे घर की ऊर्जा को सकारात्मक रूप से बदल दिया। अब घर में सुख और शांति है।”

 रवि मिश्रा, उज्जैन (Google reviews)
“ऑफिस में वास्तु शांति के लिए साहू जी से संपर्क किया। उनके सुझाए गए उपायों से हमारे ऑफिस का माहौल बेहद अच्छा हो गया है, और व्यवसाय में भी वृद्धि हो रही है।”

  सुमन गुप्ता, भोपाल (Google reviews)
“कई सालों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थी। एस्ट्रोलॉजर साहू जी की सलाह के बाद, मेरे स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। उनके उपाय वाकई अद्भुत हैं।”