नारायण स्त्रोत, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है, जो भगवान नारायण की स्तुति में गाया जाता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार यह स्तोत्र भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि और सुख प्रदान करने का एक साधन है। नारायण स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं और यह उसके सभी दुखों को दूर करने में सहायक होता है। इस लेख में, हम नारायण स्त्रोत का पाठ करने की विधि और कुछ सरल ज्योतिषीय उपायों पर चर्चा करेंगे, जिससे आप अपने जीवन में सुधार कर सकते हैं।
नारायण स्त्रोत का महत्व
नारायण स्त्रोत का पाठ करने से साधक को मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार यह स्तोत्र केवल आध्यात्मिक कल्याण ही नहीं, बल्कि भौतिक सुख-सुविधाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। नारायण स्त्रोत का जाप करने से व्यक्ति में शक्ति, साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है। इसके नियमित पाठ से व्यक्ति अपने जीवन की समस्याओं का सामना आसानी से कर सकता है।
नारायण स्त्रोत का पाठ करने की विधि
सामग्री की तैयारी
नारायण स्त्रोत का पाठ करने से पहले कुछ आवश्यक सामग्री तैयार करें। साहू जी के अनुसार इसमें एक शुद्ध आसन, भगवान नारायण की मूर्ति या चित्र, एक दीपक, अगरबत्ती, और फूल शामिल हैं। इस सबके साथ, एक छोटी सी थाली में मिठाई या फल रखें।
स्थान का चयन
पाठ करने के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। यह स्थान आपके पूजा घर में हो सकता है या फिर किसी अन्य साफ-सुथरे स्थान पर हो। सुनिश्चित करें कि वहां का वातावरण शांत और ध्यान लगाने योग्य हो।
स्नान और स्वच्छता
पाठ करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। साहू जी के अनुसार यह साधना की शुद्धता के लिए महत्वपूर्ण है। स्नान करने के बाद, मानसिक रूप से ध्यान केंद्रित करें और नकारात्मकता को दूर करने का प्रयास करें।
दीप जलाना
पूजा स्थल पर दीपक जलाएं और अगरबत्ती जलाकर वातावरण को सुगंधित करें। इससे आपके चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
नारायण स्त्रोत का पाठ
अब भगवान नारायण के प्रति श्रद्धा भाव से नारायण स्त्रोत का पाठ करें। इसे ध्यानपूर्वक और सच्चे मन से करें।साहू जी के अनुसार अगर आप इसे सही उच्चारण के साथ नहीं कर पा रहे हैं, तो सुनकर भी जाप कर सकते हैं।
प्रार्थना और आरती
पाठ के बाद भगवान नारायण की आरती करें। आरती के समय “ॐ जय नारायण” का जाप करें। इसके बाद, भगवान को फल या मिठाई भेंट करें और उन्हें नमन करें।
संपूर्णता की भावना
पाठ समाप्त होने पर कुछ क्षण शांति में बैठें और ध्यान करें। इस समय, अपनी इच्छाओं और समस्याओं को भगवान के सामने रखें और उनसे समाधान की प्रार्थना करें।
अर्चना और धन्यवाद
पाठ के अंत में भगवान नारायण का धन्यवाद करें और प्रार्थना करें कि आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए।
सरल ज्योतिषीय उपाय
रविवार का दिन
नारायण स्त्रोत का पाठ विशेष रूप से रविवार के दिन करना लाभकारी माना जाता है। साहू जी के अनुसार इस दिन भगवान सूर्य की आराधना भी करें, क्योंकि सूर्य और नारायण दोनों ही एक ही रूप हैं।
गायत्री मंत्र का जाप
नारायण स्त्रोत का पाठ करने से पहले या बाद में गायत्री मंत्र का जाप करें। इससे आपकी ऊर्जा में वृद्धि होगी और ध्यान केंद्रित रहेगा।
जप माला का उपयोग
नारायण स्त्रोत का पाठ करते समय जप माला का उपयोग करें। इससे आपका ध्यान केंद्रित रहेगा और जाप की संख्या को भी आसानी से पूरा कर सकेंगे।
रुद्राक्ष की माला
रुद्राक्ष की माला का उपयोग करके नारायण स्त्रोत का पाठ करने से विशेष लाभ होता है। रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक है और यह मानसिक शांति प्रदान करता है।
शांत वातावरण
पाठ के दौरान एक शांत वातावरण बनाए रखें। इससे आपकी साधना में बाधा नहीं आएगी और आप ध्यानपूर्वक पाठ कर सकेंगे।
दान और सेवा
नारायण स्त्रोत का पाठ करने के बाद दान करना एक अच्छा उपाय है। साहू जी के अनुसार इससे आपके द्वारा किए गए पाठ का फल और भी बढ़ जाता है। गरीबों को भोजन या वस्त्र दान करें।
सकारात्मक सोच
नारायण स्त्रोत का पाठ करते समय सकारात्मक सोच बनाए रखें। आपके विचारों का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ता है, इसलिए अच्छे विचारों का संचार करें।
ध्यान और साधना
नारायण स्त्रोत का पाठ करने के साथ-साथ ध्यान और साधना पर ध्यान दें। इससे आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा में वृद्धि होगी।
नियमितता
नारायण स्त्रोत का पाठ नियमित रूप से करें। यह आपके जीवन में स्थायी परिवर्तन लाने में सहायक होगा।
सकारात्मकता का संचार
नारायण स्त्रोत का पाठ करते समय सकारात्मकता का संचार करने का प्रयास करें। नकारात्मक विचारों को छोड़कर केवल शुभता की सोचें।
नारायण स्त्रोत का पाठ न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि यह जीवन के सभी क्षेत्रों में सुधार लाने में भी मदद करता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार इसकी विधि और सरल ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर, आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। नियमित पाठ करने से न केवल आपका मन और आत्मा शुद्ध होती है, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मकता का संचार भी होता है। इस प्रकार, नारायण स्त्रोत का पाठ एक महत्वपूर्ण साधना है जो आपको मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है।
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