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Tag: Numerology Health and Astrology: Health improvement tips in Shastras

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स्वास्थ्य और ज्योतिष: धर्मशास्त्र में स्वास्थ्य सुधार के उपाय

भारतीय धर्मशास्त्र और ज्योतिष का गहरा संबंध स्वास्थ्य से है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार प्राचीन काल से ही वेदों, उपनिषदों, और धर्मशास्त्रों में स्वास्थ्य को जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग माना गया है। ज्योतिष और धर्मशास्त्र दोनों ही स्वास्थ्य को सुधारने और रोगों को दूर करने के लिए विशेष उपाय सुझाते हैं। इन उपायों का उद्देश्य न केवल शरीर को स्वस्थ रखना होता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त करना होता है।

ज्योतिष और स्वास्थ्य

ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक ग्रह का हमारे जीवन और स्वास्थ्य पर विशिष्ट प्रभाव होता है। जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनकी चाल से व्यक्ति के स्वास्थ्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। ग्रहों के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को विभिन्न रोगों और मानसिक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। धर्मशास्त्रों में इन ग्रहों को शांत करने के उपायों का विस्तृत विवरण मिलता है।

  • सूर्य: सूर्य स्वास्थ्य का कारक ग्रह है और शरीर में आत्मविश्वास, ऊर्जा, और जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य की अशुभ स्थिति से हृदय रोग, आँखों की समस्या, और कमजोरी हो सकती है।
  • चंद्रमा: मानसिक स्वास्थ्य का प्रतीक है। यदि चंद्रमा कमजोर हो, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, अनिद्रा, और चिंता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • मंगल: मंगल रक्त संचार, मांसपेशियों और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी अशुभ स्थिति से रक्तचाप, चोट, और खून से संबंधित रोग हो सकते हैं।
  • शनि: शनि ग्रह दीर्घकालिक रोगों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका अशुभ प्रभाव गठिया, हड्डियों की समस्या, और अवसाद जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।

धर्मशास्त्र में स्वास्थ्य सुधार के ज्योतिषीय उपाय

धर्मशास्त्रों में विभिन्न ग्रहों के अशुभ प्रभाव को शांत करने और स्वास्थ्य को सुधारने के लिए विभिन्न यज्ञ, अनुष्ठान, और मंत्रों का विशेष उल्लेख मिलता है। इन उपायों को करने से व्यक्ति अपने स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है और ग्रहों के अशुभ प्रभावों से बच सकता है।

 सूर्य उपासना

धर्मशास्त्रों में सूर्य की उपासना को स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और रोग दूर होते हैं। सूर्य मंत्रों का जाप करने से हृदय रोग और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

 महामृत्युंजय मंत्र

यह मंत्र शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। ज्योतिष में भी इसे ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचाने वाला माना गया है। महामृत्युंजय मंत्र के नियमित जाप से व्यक्ति दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति कर सकता है।

रुद्राभिषेक

मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार रुद्राभिषेक का आयोजन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। यह पूजा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और ग्रह दोषों को शांत करने के लिए की जाती है। इस अनुष्ठान से व्यक्ति के जीवन से सभी रोग और अशांति दूर होती है।

नवग्रह शांति यज्ञ

धर्मशास्त्रों के अनुसार, नवग्रह शांति यज्ञ करने से सभी नौ ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और व्यक्ति को समग्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। यह यज्ञ विशेष रूप से उन लोगों के लिए किया जाता है जिनकी कुंडली में ग्रह दोष होते हैं और जो दीर्घकालिक रोगों से पीड़ित होते हैं।

 गायत्री मंत्र जाप

गायत्री मंत्र का जाप मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह मंत्र मानसिक तनाव, चिंता, और अनिद्रा जैसी समस्याओं को दूर करता है और व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है।

ग्रह दोषों से बचाव के उपाय

धर्मशास्त्रों में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए विशेष उपायों का उल्लेख किया गया है। इन उपायों से व्यक्ति ग्रह दोषों से बचकर अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। उदाहरण के लिए:

  • शनि दोष: शनि की शांति के लिए काले तिल, लोहे की वस्तुएं और शनि मंत्र का जाप लाभकारी माना जाता है।
  • राहु-केतु दोष: राहु और केतु की शांति के लिए विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा राहुकेतु मंत्रों का जाप करने से भी उनके अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।
  • मंगल दोष: मांगलिक दोष से बचने के लिए मंगल मंत्र का जाप और मंगल यज्ञ का आयोजन किया जाता है। यह उपाय रक्त संचार और मांसपेशियों की समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं।

आहार और जीवनशैली में सुधार

धर्मशास्त्रों में आहार और जीवनशैली को स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। एक स्वस्थ जीवनशैली ग्रहों के प्रभाव को भी सकारात्मक बना सकती है। इसके लिए कुछ प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं:

सात्विक आहार: धर्मशास्त्रों में सात्विक आहार का पालन करने की सलाह दी गई है। शुद्ध और पौष्टिक भोजन ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाता है और शरीर को स्वस्थ रखता है।

योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। धर्मशास्त्रों में योग को आत्मा और शरीर के संतुलन के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है।

नियमित दिनचर्या: नियमित दिनचर्या का पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन में संतुलन और शांति प्राप्त करता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार, नियमित दिनचर्या का पालन ग्रह दोषों को भी शांत करता है।

स्वास्थ्य सुधार के अन्य उपाय

धर्मशास्त्रों में कुछ विशेष धार्मिक क्रियाओं का उल्लेख भी स्वास्थ्य सुधार के लिए किया गया है, जैसे कि:

  • पीपल और तुलसी का पूजन: पीपल और तुलसी के पौधों की नियमित पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • भगवान धन्वंतरि की पूजा: भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और आयु की वृद्धि होती है।
  • चंद्रमा की उपासना: चंद्रमा की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान और मंत्र जाप किए जाते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं और मानसिक तनाव को दूर करते हैं।

धर्मशास्त्र और ज्योतिष दोनों ही स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए विशेष उपाय प्रदान करते हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार इन उपायों का पालन करने से व्यक्ति न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी स्वस्थ रहता है। ग्रहों के प्रभावों को शांत करने के लिए यज्ञ, अनुष्ठान, मंत्र जाप और धार्मिक क्रियाओं का पालन व्यक्ति के जीवन में संतुलन और शांति लाता है। इस प्रकार, धर्मशास्त्रों में बताए गए उपाय और ज्योतिषीय सिद्धांत आज भी हमारे स्वास्थ्य और जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

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TESTIMONIALS

राजू सक्सेना (Google Review)
मनोज जी “साहू जी की ज्योतिषीय सलाह से मेरे जीवन में नई ऊर्जा आई है। उनके सुझावों ने मेरी चिंताओं को दूर किया और मुझे जीवन में नई दिशा दी। उनकी सलाह से मुझे बहुत राहत मिली है।”

मोहित त्रिवेदी:(Google Review)
“साहू जी की ज्योतिषीय सलाह ने मेरे जीवन को नई दिशा दी है। उनके सुझाए गए उपायों से मेरी सभी समस्याएँ हल हो गई हैं और मैं अब अधिक संतुलित और खुशहाल महसूस करता हूँ।”

रौनक गुप्ता:(Google Review)
ज्योतिषीय सलाह ने मेरे स्वास्थ्य में सुधार किया है। उनके द्वारा बताए गए उपायों से मेरी सेहत बेहतर हो गई है और मैं अब अधिक ऊर्जावान और सकारात्मक महसूस करती हूँ। उनकी सलाह से मुझे बहुत फायदा हुआ है।”

राधिका इंदौर (Google Reviews)
“साहू जी के साथ मेरा अनुभव अद्भुत रहा। उन्होंने मेरी हस्तरेखा पढ़ी और मेरी शादी के लिए सही समय और तारीख का सुझाव दिया। उनके द्वारा दिए गए उपायों से मेरी ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव आया है। मैं उन्हें बहुत धन्यवाद देती हूँ।”

विजय कुमार मुरैना (Google reviews)
“साहू जी ने मेरे व्यवसाय में वास्तु दोष का समाधान किया। उन्होंने कहा कि कुछ साधारण परिवर्तन करने से व्यवसाय में बढ़ोतरी होगी। उनके बताए उपायों को अपनाने के बाद, मेरे व्यापार में आश्चर्यजनक रूप से सुधार हुआ।”

सुषमा रावत, जयपुर (Google Reviews)
“सामाजिक मुद्दों पर साहू जी की राय बहुत ही प्रभावशाली है। मैंने उनसे सलाह ली कि कैसे मेरे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने सुझाव दिए जो न केवल लागू करने में आसान थे, बल्कि प्रभावी भी साबित हुए।”

अंकित पटेल, अहमदाबाद (Google Reviews)
“साहू जी की हस्तरेखा विशेषज्ञता मुझे एक नए करियर की दिशा में ले गई। उन्होंने मेरे करियर की संभावनाओं के बारे में जो बताया, वह पूरी तरह से सटीक निकला। अब मैं अपने करियर में प्रगति कर रहा हूँ।”

अजय जैन, विदिशा (Google reviews)
“वास्तु शास्त्र में साहू जी का ज्ञान मुझे अत्यधिक प्रभावित करता है। उन्होंने मेरे घर के लिए उचित दिशा में कुछ बदलाव सुझाए, और परिणामस्वरूप, मेरे परिवार में शांति और समृद्धि आ गई। उनके उपाय बहुत कारगर हैं।