Loading...
loading

गुह्यकाली देवी शक्ति पीठ का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व

  • Home
  • Blog
  • गुह्यकाली देवी शक्ति पीठ का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व

गुह्यकाली देवी शक्ति पीठ का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व

गुह्यकाली देवी, जिन्हें माता काली का एक अद्भुत रूप माना जाता है, भारतीय संस्कृति और धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है, लेकिन गुह्यकाली देवी का स्थान विशेष है। यह शक्तिपीठ उन 52 शक्तिपीठों में से एक है जहां देवी सती के अंग गिरे थे। गुह्यकाली देवी की पूजा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी इसके कई लाभ हैं। इस लेख में हम गुह्यकाली देवी के धार्मिक महत्व, ज्योतिषीय पहलुओं, उनकी आराधना विधियों और जीवन में उनके प्रभावों पर चर्चा करेंगे।

गुह्यकाली देवी का धार्मिक महत्व

 देवी का स्वरूप

गुह्यकाली देवी का स्वरूप अत्यंत भव्य और भयावह है। ज्योतिष के अनुसार उनकी काली त्वचा, लाल आँखें और चार भुजाएँ होती हैं। देवी की भुजाओं में खड्ग, त्रिशूल, माला और कटारी होती है। देवी के इस रूप को देखकर भक्तों में भय और श्रद्धा दोनों का अनुभव होता है। गुह्यकाली देवी को शक्तियों की देवी माना जाता है, जो अपने भक्तों को संहारक शक्तियों से सुरक्षित रखती हैं।

गुह्यकाली की पूजा के विशेष अवसर

गुह्यकाली देवी की पूजा विशेष रूप से नवरात्रि, दुर्गा पूजा और अमावस्या के दिन की जाती है। नवरात्रि के दौरान भक्त 9 दिनों तक उपवास रखकर देवी की आराधना करते हैं। इस अवसर पर विशेष हवन, पूजा और भोग अर्पित किया जाता है। भक्तों का मानना है कि इन दिनों देवी की कृपा विशेष रूप से उनके ऊपर होती है।

गुह्यकाली शक्तिपीठ की धार्मिक यात्रा

गुह्यकाली शक्तिपीठ की यात्रा एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार यहाँ आने वाले भक्त न केवल देवी की कृपा प्राप्त करते हैं, बल्कि उनकी आत्मा को शांति भी मिलती है। गुह्यकाली के भक्त यहाँ अपने संकटों से मुक्ति पाने और इच्छाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। इस शक्तिपीठ का स्थल विशेष रूप से पवित्र माना जाता है, जहां हर भक्त को देवी की शक्ति का अनुभव होता है।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण

गुह्यकाली देवी की पूजा का ज्योतिषीय महत्व भी अत्यधिक है। विभिन्न ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहाँ हम गुह्यकाली देवी की पूजा के माध्यम से ग्रहों के दोषों के निवारण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

शनि ग्रह का प्रभाव

शनि ग्रह को न्याय और कर्म का प्रतीक माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति अशुभ है, तो उसे जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। गुह्यकाली देवी की पूजा से शनि के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है। ज्योतिष के अनुसार शनि की महादशा या साढ़ेसाती के दौरान गुह्यकाली की आराधना करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और सुरक्षा मिलती है।

उपाय:

  • शनि के दोषों को दूर करने के लिए काले तिल, काले कपड़े और सरसों के तेल का दीपक अर्पित करना चाहिए।
  • “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जप करना भी विशेष लाभकारी है।

राहु और केतु का प्रभाव

राहु और केतु व्यक्ति के जीवन में अनिश्चितता और मानसिक तनाव का कारण बनते हैं। ज्योतिष के अनुसार इन ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए गुह्यकाली देवी की पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह पूजा राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को कम करती है और व्यक्ति को स्थिरता प्रदान करती है।

उपाय:

  • राहु और केतु के दोषों को दूर करने के लिए भक्तों को नीले या काले रंग के फूलों का अर्पण करना चाहिए।
  • “ॐ राहवे नमः” और “ॐ केतवे नमः” का जप करना लाभकारी है।

गुह्यकाली की आराधना की विधि

पूजा का सामान

गुह्यकाली देवी की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • काले या लाल रंग का वस्त्र
  • काले तिल, गुड़ और फूल
  • घी का दीपक
  • दूध और शहद
  • धूप और अगरबत्ती

पूजा की विधि

स्नान और स्वच्छता: पूजा आरंभ करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।

दीप जलाना: देवी के सामने घी का दीपक जलाएँ।

मंत्र जाप: देवी के मंत्रों का जाप करें।

“ॐ गुह्यकाली नमः” का 108 बार जप करें।

    अर्पण: काले तिल और फूल अर्पित करें।

    प्रार्थना: अपनी मनोकामनाओं के लिए देवी से प्रार्थना करें और अंत में प्रसाद वितरण करें।

    गुह्यकाली देवी के विशेष अनुष्ठान

    गुह्यकाली देवी की आराधना में विशेष अनुष्ठान और अनुष्ठान विधियों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

    हवन

    हवन एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार इसमें विशेष प्रकार की जड़ी-बूटियों और औषधियों का उपयोग किया जाता है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और देवी की कृपा प्राप्त होती है।

    नवरात्रि पर्व

    नवरात्रि के दौरान गुह्यकाली देवी की विशेष पूजा होती है। भक्त 9 दिनों तक उपवासी रहकर देवी की आराधना करते हैं। इस दौरान देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, जो भक्तों को शक्ति और साहस प्रदान करती है।

    गुह्यकाली देवी के चमत्कारी अनुभव

    गुह्यकाली देवी के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा के कारण कई चमत्कारी अनुभव साझा किए जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार भक्तों का कहना है कि देवी की कृपा से उन्हें कठिनाईयों से मुक्ति मिली और उनके जीवन में सुख-शांति का आगमन हुआ।

    संकटों से मुक्ति: कई भक्तों ने अनुभव किया है कि गुह्यकाली देवी की पूजा से उनके जीवन में आए संकट अचानक समाप्त हो गए हैं।

    स्वास्थ्य लाभ: गुह्यकाली की आराधना से कई लोग गंभीर बीमारियों से ठीक हुए हैं। उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है और उन्होंने सकारात्मकता का अनुभव किया है।

    व्यापार में सफलता: व्यवसाय में बाधाओं का सामना कर रहे कई लोग गुह्यकाली देवी की कृपा से अपने व्यवसाय में उन्नति और सफलता की प्राप्ति की बात करते हैं।

    गुह्यकाली देवी शक्तिपीठ का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व अद्वितीय है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार यहाँ देवी की आराधना करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और जीवन में स्थिरता मिलती है। विभिन्न ग्रहों के प्रभावों को संतुलित करने के लिए गुह्यकाली देवी की पूजा एक प्रभावी उपाय है। गुह्यकाली देवी का आशीर्वाद पाने के लिए श्रद्धा और विश्वास के साथ आराधना करना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार इस प्रकार, गुह्यकाली देवी की पूजा से न केवल धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी भक्तों को लाभ मिलता है।

    आपके तारे में आपका स्वागत है. जान‍िए ज्योतिष के अनुसार आज रखना है क‍िन बातों का ध्यान. कौन-सा रंग,अंक रहेगा आपके ल‍िए शुभ और द‍िन को बेहतर बनाने के ल‍िए करना होगा कौन सा उपाय. …

    आज का विशेष उपाय भी बताएंगे.. अभी संपर्क करे देश के प्रसिद्ध ज्योतिष एस्ट्रोलॉजर साहू जी से

    कांटेक्ट: +91-8656-979-221 | +91-9039-636-706

    TESTIMONIALS

    ज्योति मिश्रा, इंदौर (Google reviews)
    “मेरे करियर से संबंधित अनिश्चितताएँ थीं, लेकिन साहू जी ने हस्तरेखा देखकर मुझे सही मार्ग दिखाया। उनकी भविष्यवाणी ने मुझे जीवन में नई दिशा दी।”

    नेहा गुप्ता, उज्जैन (Google reviews)
    “साहू जी की कुंडली मिलान सेवा का अनुभव शानदार रहा। उनकी सलाह ने हमारे वैवाहिक जीवन को मजबूती दी है और हम दोनों के बीच समझ और प्यार बढ़ा है।”

      सौरभ तिवारी, भोपाल (Google reviews)
    “मेरे जीवन में अनचाहे उतार-चढ़ाव हो रहे थे। एस्ट्रोलॉजर साहू जी की सटीक ज्योतिषीय सलाह और उपायों से अब मेरे जीवन में स्थिरता और संतुलन आ गया है।”

      पूजा वर्मा, इंदौर (Google reviews)
    “साहू जी की वास्तु सलाह ने हमारे घर की ऊर्जा को पूरी तरह से बदल दिया है। अब घर में शांति और समृद्धि का वातावरण बना हुआ है।”

      रजनी चौधरी, उज्जैन (Google reviews)
    “बेटे की पढ़ाई में ध्यान न लगने की समस्या थी। साहू जी की ज्योतिषीय उपायों से उसके एकाग्रता और पढ़ाई में काफी सुधार हुआ है।”

     अंकित शर्मा, भोपाल (Google reviews)
    “कुंडली के दोष के कारण जीवन में लगातार संघर्ष कर रहा था। एस्ट्रोलॉजर साहू जी के उपायों से अब जीवन में शांति और प्रगति हो रही है।”

     रश्मि पांडे, इंदौर (Google reviews)
    “मेरे रिश्ते में लगातार तनाव था। साहू जी के कुंडली अनुसार बताए गए उपायों से अब हमारे रिश्ते में समझ और प्रेम बढ़ा है।”

      मनोज वर्मा, ग्वालियर (Google reviews)
    “कार्यक्षेत्र में पदोन्नति नहीं मिल रही थी। साहू जी के बताए उपायों से अब मुझे प्रमोशन मिला और मैं अपने करियर में उन्नति कर रहा हूँ।”

      सोनल गुप्ता, उज्जैन (Google reviews)
    “मेरे वैवाहिक जीवन में समस्याएँ थीं। साहू जी की कुंडली सलाह ने हमें एक नई दिशा दी और अब हम अपने रिश्ते को बेहतर तरीके से समझ पा रहे हैं।”

      राजेश चौहान, भोपाल (Google reviews)
    “व्यवसाय में लगातार नुकसान हो रहा था। साहू जी के द्वारा बताए गए उपायों से अब मेरे व्यवसाय में तेजी से मुनाफा बढ़ रहा है। उनकी सलाह अत्यंत कारगर रही।”

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *