भारत के पवित्र 52 शक्तिपीठों में कृष्णवेणी देवी का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार यह पवित्र स्थल देवी सती के अंगों के गिरने से संबंधित स्थानों में से एक है, जहां देवी की असीम शक्ति और आशीर्वाद का वास माना जाता है। कृष्णवेणी देवी के मंदिर का धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। इस शक्तिपीठ का स्थान और इसका महत्व न केवल भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जीवन में आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान भी प्रदान करता है।
कृष्णवेणी देवी का धार्मिक महत्व
कृष्णवेणी देवी मंदिर उन प्रमुख स्थलों में से एक है, जहां देवी सती के अंग गिरे थे। देवी सती के त्याग और शिव के साथ उनके अद्वितीय संबंधों की कहानी हर भक्त के हृदय को प्रेरित करती है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव देवी सती के मृत शरीर को लेकर आकाश में भ्रमण कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को कई टुकड़ों में विभाजित कर दिया। इन्हीं टुकड़ों के गिरने से 52 शक्तिपीठों की स्थापना हुई।कृष्णवेणी देवी शक्तिपीठ उन स्थलों में से एक है, जहां सती के बाल गिरे थे। यह स्थल देवी की विशेष कृपा का स्थान है, जहां श्रद्धालु अपने जीवन की कठिनाइयों और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए देवी की आराधना करते हैं। साहू जी के अनुसार यहां की पूजा विधि और परंपराएं अत्यंत प्राचीन हैं और सदियों से भक्तगण देवी के चरणों में आस्था रखते आए हैं। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार देवी कृष्णवेणी को विशेष रूप से स्त्रियों के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यह माना जाता है कि जो महिलाएं संतान सुख, वैवाहिक जीवन में स्थिरता और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की कामना करती हैं, वे इस शक्तिपीठ पर देवी की पूजा करती हैं। इस स्थान पर किए गए व्रत, उपवास और पूजा-अर्चना से देवी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
कृष्णवेणी देवी का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र में कृष्णवेणी देवी का स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह शक्तिपीठ विशेष रूप से चंद्र और शुक्र ग्रह से जुड़े दोषों का निवारण करने में सहायक माना जाता है। यह स्थल ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने और जीवन में शांति व संतुलन बनाए रखने के लिए अत्यंत लाभकारी है।
चंद्र दोष निवारण:
ज्योतिष में चंद्रमा मन, मस्तिष्क और मानसिक शांति का प्रतीक है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है या चंद्र दोष होता है, उन्हें मानसिक तनाव, अस्थिरता और अनिद्रा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातकों के लिए कृष्णवेणी देवी की पूजा अत्यधिक लाभकारी होती है। देवी की कृपा से चंद्रमा के दोष शांत होते हैं और व्यक्ति को मानसिक शांति व स्थिरता प्राप्त होती है।
शुक्र ग्रह के दोषों का निवारण:
शुक्र ग्रह जीवन में भोग, समृद्धि, वैवाहिक जीवन और सुख-सुविधाओं का प्रतीक है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है, तो उसे वैवाहिक जीवन में समस्याओं, शारीरिक समस्याओं, विशेषकर महिलाओं से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कृष्णवेणी देवी की पूजा शुक्र ग्रह के दोषों को शांत करने में सहायक होती है। शुक्र की महादशा या अंतर्दशा में कृष्णवेणी देवी की आराधना विशेष फलदायी होती है।
वैवाहिक जीवन में शांति:
देवी कृष्णवेणी की पूजा वैवाहिक जीवन में प्रेम, सामंजस्य और शांति बनाए रखने में सहायक मानी जाती है। जिन लोगों की कुंडली में सप्तम भाव या शुक्र ग्रह कमजोर होता है, उनके लिए इस शक्तिपीठ पर पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है। यह माना जाता है कि देवी की कृपा से दांपत्य जीवन में सुख-शांति और सामंजस्य आता है और सभी प्रकार की वैवाहिक समस्याओं का समाधान होता है।
संतान सुख प्राप्ति:
ज्योतिष में संतान सुख से जुड़े ग्रहों का दोष या अशुभ प्रभाव होने पर कृष्णवेणी देवी की आराधना विशेष रूप से लाभकारी होती है। यह शक्तिपीठ उन लोगों के लिए विशेष रूप से पूजनीय है, जो संतान प्राप्ति में बाधाओं का सामना कर रहे होते हैं। देवी की पूजा से संतान सुख प्राप्त होता है और जीवन में संतुलन और प्रसन्नता आती है।
शक्तिपीठ और ग्रहों के दोषों का निवारण
कृष्णवेणी देवी शक्तिपीठ का संबंध देवी सती से है, और यहां की पूजा ग्रहों के दोषों को शांत करने में सहायक मानी जाती है। देवी सती के 52 शक्तिपीठों में यह स्थान उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से पीड़ित होते हैं।
राहु और केतु के दोषों से मुक्ति:
जिन जातकों की कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव प्रबल होता है, वे जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करते हैं। कृष्णवेणी देवी की पूजा राहु और केतु के दोषों को शांत करने में सहायक होती है। विशेष रूप से राहु की महादशा में देवी की पूजा करने से मानसिक और शारीरिक समस्याओं का निवारण होता है।
शनि दोष का निवारण:
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होती हैं। शनि के इस अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए कृष्णवेणी देवी की पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। शनि के प्रभाव को शांत करने के लिए इस शक्तिपीठ पर विशेष मंत्रों और हवन का आयोजन किया जाता है।
कृष्णवेणी देवी की पूजा विधि

कृष्णवेणी देवी की पूजा विधि अत्यंत सरल है और इसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाना चाहिए। पूजा में निम्नलिखित सामग्री का प्रयोग किया जाता है:
- देवी के लिए लाल वस्त्र और लाल फूल (विशेष रूप से गुड़हल)
- धूप, दीप और नैवेद्य (फल और मिठाई)
- विशेष मंत्रों का जाप
- दुर्गा सप्तशती का पाठ
देवी की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप अत्यंत लाभकारी माना जाता है:
कृष्णवेणी देवी मूल मंत्र:
“ॐ ह्रीं कृष्णवेण्यै नमः”
इस मंत्र का 108 बार जाप करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।
शुक्र ग्रह दोष निवारण मंत्र:
“ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
इस मंत्र का जाप शुक्र ग्रह के दोषों को शांत करने में सहायक होता है।
चंद्र दोष निवारण मंत्र:
“ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः चन्द्राय नमः”
इस मंत्र का 108 बार जाप चंद्र दोष के निवारण के लिए किया जाता है।
कृष्णवेणी देवी का धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। यह शक्तिपीठ देवी की विशेष कृपा और आशीर्वाद का स्थल है, जहां भक्तगण अपनी समस्याओं और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। साहू जी के अनुसार देवी की पूजा चंद्र और शुक्र ग्रह के दोषों को शांत करने, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने और मानसिक शांति व संतुलन बनाए रखने के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार कृष्णवेणी देवी की आराधना से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है।
आपके तारे में आपका स्वागत है. जानिए ज्योतिष के अनुसार आज रखना है किन बातों का ध्यान. कौन-सा रंग,अंक रहेगा आपके लिए शुभ और दिन को बेहतर बनाने के लिए करना होगा कौन सा उपाय. …
आज का विशेष उपाय भी बताएंगे.. अभी संपर्क करे देश के प्रसिद्ध ज्योतिष एस्ट्रोलॉजर साहू जी से
कांटेक्ट: +91-8656-979-221 | +91-9039-636-706
TESTIMONIALS
कंचन जैन, उज्जैन (Google reviews)
“साहू जी की ज्योतिषीय सलाह से मेरे जीवन में नकारात्मकता दूर हो गई और अब मैं शांति से जीवन व्यतीत कर रही हूँ। उनका आभार।”
प्रीति शर्मा, उज्जैन (Google reviews)
“मेरे बेटे की नौकरी में बार-बार अड़चनें आ रही थीं। एस्ट्रोलॉजर साहू जी की कुंडली विश्लेषण और उपायों से उसे जल्द ही अच्छी नौकरी मिल गई। उनके मार्गदर्शन ने सचमुच कमाल कर दिया।”
अभिषेक तिवारी, भोपाल (Google reviews)
“साहू जी की मदद से मैंने अपने करियर में सही समय पर सही निर्णय लिए। उनकी सटीक भविष्यवाणी ने मुझे महत्वपूर्ण बदलाव करने में मदद की। अब करियर में उन्नति हो रही है।”
मधु गुप्ता, इंदौर (Google reviews)
“पारिवारिक कलह के कारण बहुत मानसिक तनाव में थी। साहू जी ने कुछ सरल उपाय बताए, जिनसे घर का माहौल सकारात्मक हो गया और शांति लौटी।”
संदीप मिश्रा, देवास (Google reviews)
“मेरे स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही थी। एस्ट्रोलॉजर साहू जी के उपायों से अब मैं धीरे-धीरे सेहतमंद हो रहा हूँ। उनकी सलाह जीवनदायिनी साबित हुई।”
रीमा जोशी, ग्वालियर (Google reviews)
“शादी में देरी से बहुत परेशान थी। साहू जी ने कुंडली देखकर उपाय बताए और कुछ ही महीनों में सही रिश्ता तय हो गया। उनकी सलाह मेरे लिए वरदान साबित हुई।”
अमन वर्मा, उज्जैन (Google reviews)
“व्यवसाय में भारी नुकसान हो रहा था। साहू जी के ज्योतिषीय मार्गदर्शन से अब व्यवसाय में स्थिरता और मुनाफा बढ़ा है। उनकी सलाह बेहद उपयोगी रही।”
कविता सिंह, भोपाल (Google reviews)
“बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित थी। साहू जी की भविष्यवाणी और उपायों ने उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। अब वह आत्मविश्वास से भरी हुई है।”
रोहित पटेल, इंदौर (Google reviews)
“कुंडली में ग्रह दोष के कारण करियर में लगातार संघर्ष कर रहा था। एस्ट्रोलॉजर साहू जी की सलाह से अब मैं सही दिशा में हूँ और सफलता की ओर बढ़ रहा हूँ।”
अनुजा चौहान, देवास (Google reviews)
“संतान प्राप्ति में अड़चनें आ रही थीं। साहू जी के पूजा और मंत्रों के उपायों से हमारे घर में खुशखबरी आई। उनके उपाय सटीक और प्रभावी हैं।