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मंगल दोष निवारण में गुलर वृक्ष का ज्योतिषीय महत्व

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मंगल दोष निवारण में गुलर वृक्ष का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार इनमें से मंगल ग्रह एक महत्वपूर्ण ग्रह है, जिसे युद्ध, शक्ति, साहस, और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, जब यह ग्रह अपनी अशुभ स्थिति में होता है, तो यह “मंगल दोष” का निर्माण करता है। मंगल दोष, विवाह में बाधा, स्वास्थ्य समस्याएं, और आर्थिक संकट जैसी कठिनाइयों का कारण बन सकता है। ऐसे में, गुलर वृक्ष का महत्व और इसके माध्यम से मंगल दोष का निवारण एक महत्वपूर्ण विषय है।

मंगल दोष

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल दोष तब उत्पन्न होता है जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह एक विशेष स्थिति में होता है, जैसे कि:

कुंडली के चौथे, सातवें, और आठवें भाव में मंगल का होना।

कुंडली में मंगल की अशुभ स्थिति।

मंगल ग्रह की दशा या अंतर्दशा में समस्याएं।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार मंगल दोष के कारण व्यक्ति को जीवन के विभिन्न पहलुओं में बाधाओं का सामना करना पड़ता है, विशेषकर विवाह में। इस दोष को निवारण करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें से गुलर वृक्ष का विशेष महत्व है।

गुलर वृक्ष का ज्योतिषीय महत्व

गुलर वृक्ष का विशेष संबंध चंद्रमा और मंगल ग्रह से है। इसे “अश्वत्थ वृक्ष” का एक रूप माना जाता है, और इसे पवित्रता और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। इसके कई लाभ और विशेषताएं हैं:

मानसिक शांति:
गुलर वृक्ष की पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है। चंद्रमा का संबंध मानसिक स्वास्थ्य से है, और इसकी सही स्थिति से व्यक्ति की मानसिक स्थिरता बढ़ती है।

शक्ति और साहस:
मंगल ग्रह शक्ति और साहस का प्रतीक है। गुलर वृक्ष की पूजा से व्यक्ति में साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है, जिससे वह अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकता है।

धन और समृद्धि:
साहू जी के अनुसार गुलर वृक्ष का संबंध धन और समृद्धि से भी है। इसे घर में लगाने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

बीमारियों से रक्षा:
यह वृक्ष स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसे घर में लगाने से बीमारियों से बचाव होता है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।

    मंगल दोष निवारण के उपाय

    गुलर वृक्ष की पूजा:


    मंगल दोष से राहत पाने के लिए नियमित रूप से गुलर वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। हर मंगलवार को इस वृक्ष के नीचे दीपक जलाना और उसके चारों ओर सफेद वस्त्र बिछाना लाभकारी होता है।

    गुलर वृक्ष का रोपण:


    घर के आंगन या बगीचे में गुलर वृक्ष का रोपण करना मंगल दोष निवारण में मददगार होता है। इसे रोपने से पहले व्रत करके गंगाजल से इसे धोना चाहिए।

    फल और पत्तियों का उपयोग:


    गुलर के पत्ते और फल भी पूजा में शामिल किए जा सकते हैं। साहू जी के अनुसार इनका उपयोग करके मंगल ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित किया जा सकता है।

    मंत्र जाप

    गुलर वृक्ष के नीचे बैठकर “ॐ मंगलाय नमः” या “ॐ भौमाय नमः” का जाप करना चाहिए। यह उपाय मंगल ग्रह की अशुभता को कम करता है।

    गुलर वृक्ष से संबंधित दान:


    जरूरतमंदों को गुलर के फल का दान करने से भी मंगल दोष में कमी आती है।

    गुलर वृक्ष के महत्व को कई लोगों ने अनुभव किया है। उन्होंने इस वृक्ष की पूजा और उसके साथ जुड़े उपाय किए। उन्हें न केवल मानसिक शांति मिली, बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी आए।

      गुलर वृक्ष का ज्योतिषीय महत्व मंगल दोष निवारण में अत्यंत महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार इसके द्वारा न केवल मंगल ग्रह की अशुभता को कम किया जा सकता है, बल्कि मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और समृद्धि भी प्राप्त की जा सकती है। यदि आप भी मंगल दोष से परेशान हैं, तो गुलर वृक्ष के साथ जुड़े उपायों को अपनाना चाहिए।

      गुलर वृक्ष की पूजा और इसकी विशेषताओं को समझकर आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इसके माध्यम से न केवल मंगल दोष का निवारण किया जा सकता है, बल्कि एक सुखद और समृद्ध जीवन की ओर भी अग्रसर हो सकते हैं।

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      TESTIMONIALS

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